बोर्ड में निम्नलिखित शामिल होंगे : –
(क) अध्यक्ष;
(ख) आगरा विश्वविद्यालय द्वारा चुने जाने वाले छह व्यक्ति जो संयुक्त प्रांतों में संबद्ध कॉलेजों में डिग्री स्तर की कक्षाओं के शिक्षक होंगे, जिनमें दो से कम नहीं होंगे, जो विज्ञान संकाय में समुनदेशित विषय के शिक्षक होंगे ।
(ग) राजपुताना, मध्य भारत और ग्वालियर में डिग्री कॉलेजों के प्राचार्य(वर्तमान में)।
(घ) राज्यों और क्षेत्रों द्वारा नामित किए जाने वाले दो प्रतिनिधि, कम से कम एक इंटरमीडिएट कॉलेज (इनमें से एक प्रतिनिधि राजपुताना और एक मध्य भारत और ग्वालियर से) से होना चाहिए, (ग) के तहत प्रतिनिधित्व किए गए राज्यों और क्षेत्रों को इस खंड के तहत प्रतिनिधित्व नहीं मिलेगा।
(ङ) बोर्ड के नियंत्रणाधीन राज्यों और क्षेत्रों द्वारा नामित प्रतिनिधि, जिसमें कम से कम चार हाई स्कूलों को लिया जाना चाहिए (वर्तमान में)।
(च) राज्यों से सात प्रतिनिधि, राजपुताना से तीन, मध्य भारत से तीन और ग्वालियर से एक, बशर्ते मध्य भारत में राज्य और राजपुताना पहले से ही खंड (ग) अथवा (ड.) के तहत प्रतिनिधित्व करते हैं, तो इस खंड(क्लॉज) के तहत प्रतिनिधित्व के हकदार नहीं होंगे।
(छ) मेयो और डेली कॉलेजों के प्राचार्य(पदेन) ।
(ज) संबंधित क्षेत्रों से नियंत्रक प्राधिकारी द्वारा नामित की जाने वाली महिला शिक्षा का प्रतिनिधित्व करने के लिए रोटेशन में एक महिला सदस्य ।
(झ) राजपुताना में प्रशासित क्षेत्रों का एक प्रतिनिधि को गवर्नर-जनरल, राजपुताना के एजेंट द्वारा नामित किया जाएगा।
(ञ) मध्य भारत(सेंट्रल इंडिया) में प्रशासित क्षेत्र का एक प्रतिनिधि गवर्नर-जनरल, राजपुताना में एजेंट द्वारा नामित किया जाएगा।
(ट) संबद्ध कॉलेजों में डिग्री कक्षाओं में पढ़ाने वाले चार व्यक्ति, जिनमें से दो राजपुताना और मध्य भारत(सेंट्रल इंडिया) में विज्ञान पढ़ा रहे होंगे, दो को गवर्नर जनरल राजपुताना के एजेंट और दो को गवर्नर जनरल, मध्य भारत एजेंट द्वारा नामांकित किया जाएगा।
(ठ) हितों का प्रतिनिधित्व सुरक्षित करने अन्यथा पर्याप्त रूप से प्रतिनिधित्व नहीं करने के लिए नियंत्रक प्राधिकारी द्वारा नामांकित होने के लिए संख्या में दो से अधिक व्यक्ति नहीं हो।
बोर्ड की निम्नलिखित शक्तियां होंगी :
(क) परीक्षाओं का आयोजन करना;
(ख) इसकी परीक्षाओं के लिए उम्मीदवारों को प्रवेश देना,
(ग) अपनी परीक्षाओं के उद्देश्य हेतु संस्थानों की पहचान करना;
(घ) मान्यता प्राप्त अथवा मान्यता के लिए आवेदन करने वाले की संस्थानों स्थिति पर निरीक्षण करना अथवा निरीक्षण रिपोर्ट मांगना;
(ङ) मान्यता प्राप्त संस्थानों के लिए पाठ्यक्रम-अनुदेश को निर्धारित करना;
(च) बोर्ड की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले व्यक्तियों को डिप्लोमा अथवा प्रमाणपत्र प्रदान करना जिन्होंने –
1. उस बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त किसी भी संस्थान में पाठ्यक्रम का अध्ययन किया है अथवा
2. शिक्षकों को, अथवा
3. विनियमों में निर्धारित शर्तों के तहत निजी तौर पर अध्ययन किया है।
(छ) शुल्कों की मांग करना और प्राप्त करना जो विनियमों में निर्धारित की गई है।
(ज) मान्यता प्राप्त संस्थान के विद्यार्थियों के निवास, स्वास्थ्य और अनुशासन का पर्यवेक्षण करना और उनके सामान्य कल्याण को बढ़ावा देने के लिए व्यवस्था करना।
(झ) माध्यमिक शिक्षा के विनियमन और पर्यवेक्षण के लिए गठित निकाय के रूप में बोर्ड के उद्देश्यों के संबंध में अपेक्षित इस तरह के अन्य सभी कार्यों और चीजों को करना।
(क) बोर्ड पाठ्यक्रमों की समितियां, एक वित्तीय समिति और ऐसी अन्य समितियों की नियुक्ति करेगा जो उसके कार्यों के उचित निष्पादन के लिए आवश्यक हो सकती हैं।
(ख) ऐसी समितियों में बोर्ड के सदस्य और ऐसे अन्य व्यक्ति शामिल होंगे, यदि कोई हो, जो प्रत्येक मामले में बोर्ड नियुक्ति के लिए उपयुक्त हो सकते हैं।
(ग) समिति के सदस्यों की कुल संख्या के 1/3 की सीमा तक समिति व्यक्तियों को सहयोजित कर सकती है।
(घ). जबकि बोर्ड ने किसी भी मामले से निपटने के लिए एक समिति का गठन किया है जिसके साथ बोर्ड को इस संकल्प द्वारा निपटने का अधिकार है, बोर्ड किसी विशेष मामले में अपनी शक्तियों का प्रयोग करने से पहले संबंधित समिति की रिपोर्ट को प्राप्त करेगा और उस पर विचार करेगा ।
बोर्ड इस संकल्प के प्रावधानों को लागू करने के लिए विनियम बना सकता है ।
विशेष रूप से और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता के प्रति पक्षपात के बिना, बोर्ड निम्नलिखित मामलों में से किसी अथवा सभी के लिए नियम बना सकता है :
क. परीक्षकों की नियुक्ति और उनके कर्तव्यों(ड्यूटीज), शक्तियों और पारिश्रमिक सहित परीक्षओं का संचालन ।
ख. शर्तें जिनके तहत उम्मीदवारों को बोर्ड की परीक्षाओं में शामिल किया जाएगा।
ग. शर्तें जिनके तहत बोर्ड अपनी परीक्षाओं के लिए किसी संस्थान को मान्यता देगा।
घ. शर्तें जिनके तहत बोर्ड अपनी परीक्षाओं के लिए किसी संस्थान को मान्यता दे सकता है।
ड.. बोर्ड के डिप्लोमा और प्रमाणपत्र प्रदान करने के लिए शर्तें।
च. छात्रवृत्तियों और पुरस्कारों को संस्थापित करना।
छ. बोर्ड और उसकी समितियों के सदस्यों का चुनाव और सह-विकल्प।
ज. समितियों की संघटक शक्ति और कर्तव्य;
1. वित्त समिति
2. परीक्षा समिति
3. पाठ्यचर्या समिति
4. संबद्धता समिति
5. परीक्षा परिणाम समिति